Wednesday, March 17, 2021

हर चीज़ यहाँ पर बिकती है--- IN HIS FAMOUS QWAALI OF “NAHI MALOOM” –HABIB PAINTER

 

हर चीज़ यहाँ पर बिकती है--- IN HIS FAMOUS QWAALI OF “NAHI MALOOM” –HABIB PAINTER

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1.     यह दुनिया है इक मंडी, यानि पैसे की पगडंडी //

2.     हर चीज़ यहाँ पर बिकती है, हर जिन्स यहाँ पर सस्ती है //

3.     मुफलिस (PAUPERS) बिकते किस्मत बिकती, शान भी बिकती शौकत बिकती //

4.     गली गली में अस्मत बिकती,कदम कदम पर इज्ज़त बिकती //

5.     विष्णु के विख्यान हैं बिकते ,पीरों के फरमान हैं बिकते //

6.     बाजारों में ईमान बिकते, तावीज़ों में पोहे बिकते//

7.     मुल्ला बिकता पंडित बिकते , साधू बिकते पीर भी बिकते //

8.     मस्जिद बिक्ते मंदिर बिकते , टके टके शिव शंकर बिकते //

9.     गोरे बिकते काले बिकते, मौज जश्न के हाले बिकते//

10.मदहोशी के प्याले बिकते, तीर्थ और शिवाले बिकते //

11.तस्बी बिकती माला बिकती, ठाकुर और ज्वाला बिकते // 

12.जनेऊ और कृपान हैं बिकते , वेद शास्त्र  ज्ञान हैं बिकते //

13.जन्नत बिकते, दोज्ग बिकते,पूजा पाठ इबादत बिकते //

14.हबीब” यह दुनिया मंडी है हर चीज़ यहाँ बिक जाती है//

15.खुदा बेहतर है की तू परदे में है, वर्ना तुझ को भी बेच डालते, अगर तू मिल जाये//

16.मगर खेर तो यह कि इनको तेरा पता नहीं मालूम//

17.तेरा पता नहीं मालूम// 

 

 


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