हर चीज़ यहाँ पर बिकती है--- IN HIS FAMOUS QWAALI OF “NAHI MALOOM”
–HABIB PAINTER
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1. यह
दुनिया है इक मंडी, यानि पैसे की पगडंडी //
2. हर चीज़
यहाँ पर बिकती है, हर जिन्स यहाँ पर सस्ती है //
3. मुफलिस (PAUPERS) बिकते किस्मत
बिकती, शान भी बिकती शौकत बिकती //
4. गली
गली में अस्मत बिकती,कदम कदम पर इज्ज़त बिकती //
5. विष्णु
के विख्यान हैं बिकते ,पीरों के फरमान हैं बिकते //
6. बाजारों
में ईमान बिकते, तावीज़ों में पोहे बिकते//
7. मुल्ला
बिकता पंडित बिकते , साधू बिकते पीर भी बिकते //
8. मस्जिद
बिक्ते मंदिर बिकते , टके टके शिव शंकर बिकते //
9. गोरे
बिकते काले बिकते, मौज जश्न के हाले बिकते//
10.मदहोशी
के प्याले बिकते, तीर्थ और शिवाले बिकते //
11.तस्बी
बिकती माला बिकती, ठाकुर और ज्वाला बिकते //
12.जनेऊ
और कृपान हैं बिकते , वेद शास्त्र ज्ञान
हैं बिकते //
13.जन्नत
बिकते, दोज्ग बिकते,पूजा पाठ इबादत बिकते //
14.“हबीब” यह दुनिया मंडी है हर चीज़ यहाँ बिक जाती है//
15.खुदा बेहतर है की तू परदे में है, वर्ना तुझ को भी बेच डालते, अगर तू
मिल जाये//
16.मगर खेर तो यह कि इनको तेरा पता नहीं मालूम//
17.तेरा पता नहीं मालूम//
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